बुधवार, 14 अगस्त 2013

आज़ादी की वर्षगांठ.

आज़ादी की वर्षगांठ

  गली  गली  में बजते  देखे  आज़ादी  के  गीत रे | 
 जगह  जगह झंडे  फहराते  यही पर्व  की रीत रे ||

   सभी पर्व मनाते देश का आज़ादी की वर्षगांठ है |  
 वक्त है बीता  धीरे  धीरे  छै साल  और  साठ है ||

बहे पवन परचम लहराता याद जिलाता जीत रे |
 गली  गली  में  बजते  देखे  आज़ादी  के गीत रे ||

जगह  जगह  झंडे  फहराते यही  पर्व की  रीत रे ||

जनता  सोचे  आज भी  क्या  वाकई  आजाद  हैं |
 भूले  मानस  को  दिलवाते नेता  इसकी याद  हैं ||

मंहगाई  की  मारी  जनता  भूल  गई ये  जीत रे |
   गली  गली  में  बजते  देखे  आज़ादी  के  गीत रे || 
 

 जगह  जगह  झंडे  फहराते  यही पर्व  की  रीत रे ||

हमने   पाई  थी  आज़ादी   लौट  गए  अँगरेज़  हैं |
 किंतु  पीडा  बंटवारे  की दिल  में अब  भी  तेज़ है ||

भाई   हमारा   हुआ  पड़ोसी   भूले  सारी   प्रीत  रे |
गली  गली  में  बजते  देखे  आज़ादी  के  गीत  रे ||

 जगह  जगह  झंडे  फहराते  यही  पर्व  की  रीत रे ||  


उक्त रचना मेरी नही है, ना ही रचनाकार का नाम मालुम है,मुझे रचना अच्छी लगी,इसलिए आपके साथ साझा कर रहा हूँ, आशा है आपको भी ये रचना पसंद आयेगी,,,

50 टिप्‍पणियां:

  1. सबको शुभकामानायें, राष्ट्रीय पर्व की।

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  2. आज़ादी की यह वर्षगाँठ सभी को मुबारक हो... :)

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  3. एक सुंदर रचना साझा करने के लिये आभार !
    आजादी मुबारक !

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  4. आपकी यह पोस्ट आज के (१४ अगस्त, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - जय हो मंगलमय हो पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई

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  5. मंहगाई की मारी जनता भूल गई ये जीत रे |
    गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे ||

    बहुत खूब बहुत खूब। चित्र भी काव्य चित्र भी। बहुत सुन्दर गीत है यौमे आज़ादी का। आधी अधूरी आज़ादी का महंगाई संसिक्त।

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  6. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

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  7. किंतु पीडा बंटवारे की दिल में अब भी तेज़ है ||'

    bahut sahi likha Kavi ne..
    jiski bhi likhi hai bahut achchee kavita hai.

    स्‍वतंत्रता दि‍वस की शुभकामनाएं..

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  8. स्‍वतंत्रता दि‍वस की शुभकामनाएँ

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  9. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें......

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  10. शुभ कामनाएं, हमारी आजादी अक्षुण्ण रहे ।

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  11. नवीन शुभप्रभात
    स्वतन्त्रता दिवस की
    हार्दिक शुभकामनायें

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  12. सर जी आपका स्वतंत्रता दिवस पर बधाई सहित अभिनन्दन करता हूँ शुभप्रभात

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  13. आदरणीय ,सादर प्रणाम
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ|
    डॉ अजय
    लखनऊ

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  14. शुभकामानायें, राष्ट्रीय पर्व की।
    बहुत सुन्दर गीत

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  15. शुभकामनाएँ !
    लेकिन पर्व की दमक फीकी पड़ती जा रही है !

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  16. बहुत ही प्रभावी रचना, स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ.

    रामराम.

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  17. बहुत बढ़िया.. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ!

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  18. बहुत ही सुंदर रचना,स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।

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  19. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें !
    रचना साझा करने के लिए आभार ....

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  20. हार्दिक बधाई..सुन्दर रचना के लिए शुभकामनायें ..
    वन्दे मातरम..!!

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  21. ....स्वतन्त्रता दिवस की
    हार्दिक शुभकामनायें !!

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  22. बहुत ही प्रभावी रचना, स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ.
    आदरणीय धीरेन्द्र जी जय श्री राधे
    भ्रमर ५

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  23. बहुत ही प्रभावी रचना,स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें ....

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  24. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें !!

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  25. सुन्दर...स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...

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  26. सुन्दर रचना.....
    स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ...
    :-)

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  27. सुन्दर रचना ....स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.

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  28. सुन्दर रचना
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
    latest os मैं हूँ भारतवासी।
    latest post नेता उवाच !!!

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  29. भले ही कुछ विडम्बनाएँ हों मगर स्वाधीनता दिवस तो हम ओज उत्साह से मनायेगें!
    बढियां गीत!

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  30. हमने पाई थी आज़ादी लौट गए अँगरेज़ हैं |
    किंतु पीडा बंटवारे की दिल में अब भी तेज़ है ||

    बहुत ही सुन्दर गीत.

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  31. उत्तम रचना..शुभकामनाएं।।।

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  32. हमने पाई थी आज़ादी लौट गए अँगरेज़ हैं |
    किंतु पीडा बंटवारे की दिल में अब भी तेज़ है |
    Gore angrej gaye aur ab kale angrej aa gaye desh tb bhi gulam tha aur aaj bhrstachari netaon se gulam hai .

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  33. ♥ वंदे मातरम् ! ♥
    !!==–..__..-=-._.
    !!==–..__..-=-._;
    !!==–..@..-=-._;
    !!==–..__..-=-._;
    !!
    !!
    !!
    !!
    जनता सोचे आज भी क्या वाकई आजाद हैं |
    भूले मानस को दिलवाते नेता इसकी याद हैं ||

    मंहगाई की मारी जनता भूल गई ये जीत रे |
    गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे ||

    :(

    स्थितियां हैं तो बदतर ही...
    हमें ही हल तलाशना होगा

    आदरणीय धीरेन्द्र सिंह भदौरिया जी
    अच्छी सामयिक रचना के लिए
    हार्दिक बधाई !

    ...शुभकामनाओं सहित
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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  34. हमने पाई थी आज़ादी लौट गए अँगरेज़ हैं |
    किंतु पीडा बंटवारे की दिल में अब भी तेज़ है ||
    बहुत ही सुन्दर ......जय हिन्द

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  35. अच्छी रचना साझा की है.. बढ़िया!

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  36. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

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  37. आम आदमी कि पीड़ा को दर्शाती हुई सुन्दर रचना ...

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  38. बहे पवन परचम लहराता याद दिलाता जीत रे |
    गली-गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे ||
    ...वाह!

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  39. " आज़ादी तो पा ली हमने किन्तु बताओ कहॉ है गरिमा ? पराधीन है आज आदमी कहॉ है हिन्दुस्तान की महिमा ? बेईमानों ने जेबें भर ली कहॉ छुपाया लूट का माल ? नौनिहाल भूखे नंगे हैं आज़ाद देश का यह है हाल ?

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  40. अच्छी सामयिक रचना के लिए हार्दिक बधाई !

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  41. जनता सोचे आज भी क्या वाकई आजाद हैं |
    भूले मानस को दिलवाते नेता इसकी याद हैं ||

    मंहगाई की मारी जनता भूल गई ये जीत रे |
    गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे ||

    बहुत ही सुंदर गीत ,,,बधाई

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणियाँ मेरे लिए अनमोल है...अगर आप टिप्पणी देगे,तो निश्चित रूप से आपके पोस्ट पर आकर जबाब दूगाँ,,,,आभार,