गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013

बसंती रंग छा गया

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बसंती रंग छा गया,...

प्रकृति पालकी पर चढकर,देखो ये मधुमास आ गया!
विदा हुआ हेमंत आज पर सबमें बसंती रंग छा गया!!

आज हुई साकार कल्पना, सारी धरती कुञ्ज बन गई!
विधु बैनी के पीत वसन पर,अम्बर की द्रष्टि थम गई!!

मलय पवन ने विजन डुलाया ,तरुओं की तंद्रा टूटी!
भौरें उपवन में गान कर उठे ,फूलों की लज्जा छूटी!!
 
एक-एक कर सब पात झर गए , जैसे नभ से तारे टूटे!
मित्र सभी झर गए पुराने,नए सभी खुशियाँ मिल लूटें!!

 
अमुओं के सिर मौर बाँधकर,महक व्याह लाइ अमराई!

कोयल की खुल गई समाधि,खगदल की बारात बौराई!!

सरसों की पीली साड़ी के संग,हरी किनारी लगी नाचने!
खेत बन गए आज नववधु,पहिन लिए धरती ने गहने!!

किलकारी भर हरी डालियाँ,कण-कण में आई तरुणाई!
सांझ दान में लेकर के जाती,फूलों के तन की अरुणाई!!

रात माधवी श्वेत चाँदनी  , धरती का श्रंगार चूमती!
भोर सूर्य की किरने आकर,वृक्षों पर नित्य झूमती!!

नरनारी पशुपाखी सबकी,गलीगली गलहार बन गई! 
धरती की छाती अनंग के, मादक का संसार बन गई!!
 
सहरन छाई अंगअंग में,किंसुक कुसुमो ने लीअंगडाई!
लाल देह ऐसी सुलगी ज्यों, जले अनल न बुझे बुझाई!!

गंगा  के तट  चरणों को छूने , लहरों  ने  भी  होड लगाई!
कालिंदी के नील सलिल को,आज कृष्ण की याद सताई!!

खुशी हँसी जब सिरहाने तो ,पीड़ा का संसार भा गया!  
 बैठा रहा विरह द्वारे पर,मिलन खुशी के गीत गा गया !!

प्रकृति पालकी पर चढकर,देखो ये मधुमास आ गया!
विदा हुआ हेमंत आज पर, सबमें बसंती रंग छा गया!!


 बसंत पंचमी की सभी लोगों को बहुत बहुत बधाई शुभकामनाए,,,

--DHEERENDRA,"dheer"--

60 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस कविता से सब कुछ बसंती-मय हो गया ...
    मुबारक हो !

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  2. बढ़िया रचना एवं शब्दचयन...
    बधाई ..

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  3. वसंत ऋतु के स्वागत में बहुत ही प्यारी रचना .............

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  4. शाखाओं पर आ गये, नवपल्लव परिधान।
    मौसम है मधुमास का, पंछी गाते गान।।
    --
    मौसम के अनुकूल वासन्ती रचना!
    इस पोस्ट का लिंक कल शुक्रवार के चर्चामंच पर भी होगा!

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  5. बहुत प्यारा चित्रण....
    बहुत सुन्दर रचना..

    सादर
    अनु

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  6. मलय पवन ने विजन डुलाया ,तरुओं की तंद्रा टूटी!
    भौरें उपवन में गान कर उठे ,फूलों की लज्जा छूटी!!

    गंगा के तट चरणों को छूने , लहरों ने भी होड लगाई!
    कालिंदी के नील सलिल को,आज कृष्ण की याद सताई!!
    वसंत का नख शिख बखान करती बहुत बढ़िया रचना .प्रेम दिवस मुबारक .

    (होड़ ,कुसुमों ,दृष्टि )

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  7. बहुत सुंदर और विस्तृत वर्णन बसंत का ... खूबसूरत रचना

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  8. सुंदर और भावनात्मक रचना
    गंगा के तट चरणों को छूने , लहरों ने भी होड लगाई!
    कालिंदी के नील सलिल को,आज कृष्ण की याद सताई!!

    खुशी हँसी जब सिरहाने तो ,पीड़ा का संसार भा गया!
    बैठा रहा विरह द्वारे पर,मिलन खुशी के गीत गा गया !!

    प्रकृति पालकी पर चढकर,देखो ये मधुमास आ गया!
    विदा हुआ हेमंत आज पर, सबमें बसंती रंग छा गया!!

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही बढ़िया वर्णन -

    शुभकामनायें आदरणीय धीर जी ।।।

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  10. गंगा के तट चरणों को छूने , लहरों ने भी होड लगाई!
    कालिंदी के नील सलिल को,आज कृष्ण की याद सताई!!.......waah....

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  11. बहुत सुन्दर वर्णन ... दिल पर छा गया आपका ये बसंत!

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  12. बहुत सुन्दर रचना | बसंत आगमन का अत्यंत मनमोहक वर्णन | बधाई

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  13. वाह ... बहुत खूब

    बसंत पंचमी की अनंत शुभकामनाएँ

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  14. लो फिर बसंत आया
    फूलों पे रंग छाया
    पेड़ों पे टेसू आया
    लो फिर बसंत आया...!
    .....................बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ

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  15. वाह बहुत खूब

    बहुत बहुत शुभकामनाएँ

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  16. किलकारी भर हरी डालियाँ,कण-कण में आई तरुणाई!
    सांझ दान में लेकर के जाती,फूलों के तन की अरुणाई!!

    रात माधवी श्वेत चाँदनी , धरती का श्रंगार चूमती!
    भोर सूर्य की किरने आकर,वृक्षों पर नित्य झूमती!!
    Wah basant ke khoob surat rang aur pyar ka mausam.

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  17. सुन्दर चित्रण ऋतुराज के आगमन का, बधाई

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  18. प्रकृति पालकी पर चढकर,देखो ये
    मधुमास आ गया!
    विदा हुआ हेमंत आज पर, सबमें
    बसंती रंग छा गया!!
    behad sunder or khushnuma kavita...aj basnt pnchmi ke din pdh kar man prasnn ho gya.

    जवाब देंहटाएं
  19. नरनारी पशुपाखी सबकी,गलीगली गलहार बन गई!
    धरती की छाती अनंग के, मादक का संसार बन गई!!

    सहरन छाई अंगअंग में,किंसुक कुसुमो ने लीअंगडाई!
    लाल देह ऐसी सुलगी ज्यों, जले अनल न बुझे बुझाई!!
    बहुत खूब

    बसंत पंचमी की अनंत शुभकामनाएँ
    .जय श्री राधे भ्रमर ५

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  20. सुन्दर कविता.
    बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ.

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  21. बसंत पंचमी पर बहुत बहुत बधाई शुभकामनाए !
    सुंदर रचना !

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  22. बसन्त पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएँ!

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  23. गंगा के तट चरणों को छूने , लहरों ने भी होड लगाई!
    कालिंदी के नील सलिल को,आज कृष्ण की याद सताई!!nice

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  24. sundar prakruti varnan basant panchami ki bahut bahut shubhkamnaye..

    जवाब देंहटाएं
  25. सच में "बसंती रंग छा गया" है। सुन्दर कविता के लिए धन्यवाद।

    इस खबर को भी पढ़े :- भारतीय डाक विभाग भारत के प्रमुख संगीतकारों पर डाक टिकट जारी करेगा।

    जवाब देंहटाएं
  26. किलकारी भर हरी डालियाँ,कण-कण में आई तरुणाई!

    ------------------------------------------------------------

    मदहोश बसंत ..

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  27. बहुत ही सुन्दर चित्र खींचा है बसंत का .......सरस ...सुन्दर ....!

    जवाब देंहटाएं
  28. अमुओं के सिर मौर बाँधकर,महक व्याह लाइ अमराई!
    कोयल की खुल गई समाधि,खगदल की बारात बौराई!!

    वाह ! प्रकृति की खूबसूरती को बहुत बारीकी से निखारा है आपने । लाजवाब

    जवाब देंहटाएं
  29. बहुत खूब
    बसंत पंचमी की अनंत शुभकामनाएँ,,,,

    जवाब देंहटाएं
  30. किंशुक कुसुमों की अंगड़ाई,
    अंग अंग उभरी अरुणाई
    पीली पीली सरसों झूमी,
    कोयल कूक रही अमराई
    कहा पवन ने लहक-महक कर,
    देखो जी मधुमास आ गया
    काव्यांजलि में कविता पढ़ कर,
    आज बसंती रंग छा गया..................

    जवाब देंहटाएं
  31. बसंत का सुन्दर चित्रण। कविता बहुत ही अच्छी लगी। धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  32. उतकृष्ट प्रस्तुति | काश हमारे जीवन में भी यह रंग घुल जाती |

    जवाब देंहटाएं
  33. एक-एक कर सब पात झर गए , जैसे नभ से तारे टूटे!
    मित्र सभी झर गए पुराने,नए सभी खुशियाँ मिल लूटें!!

    बहुत खूब ,ख़ास कई ये पंक्तियाँ।

    जवाब देंहटाएं
  34. वाह बासंती रंग में रंगी बसंती रचना ....

    जवाब देंहटाएं
  35. सहरन छाई अंगअंग में,किंसुक कुसुमो ने लीअंगडाई!
    लाल देह ऐसी सुलगी ज्यों, जले अनल न बुझे बुझाई!!

    बसंत का सुन्दर वर्णन

    जवाब देंहटाएं
  36. आपको भी बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं,,,बधाई
    सहरन छाई अंगअंग में,किंसुक कुसुमो ने लीअंगडाई!
    लाल देह ऐसी सुलगी ज्यों, जले अनल न बुझे बुझाई!!

    बसंत का सुन्दर वर्णन

    जवाब देंहटाएं
  37. सुंदर भाव ...बहुत सुंदर रचना ...
    आपको भी बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं****

    जवाब देंहटाएं
  38. प्रकृति पालकी पर चढकर,देखो ये मधुमास आ गया!
    विदा हुआ हेमंत आज पर, सबमें बसंती रंग छा गया!!

    प्रकृति का सुंदर चित्रण..बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  39. गंगा के तट चरणों को छूने , लहरों ने भी होड लगाई!
    कालिंदी के नील सलिल को,आज कृष्ण की याद सताई!!

    खुशी हँसी जब सिरहाने तो ,पीड़ा का संसार भा गया!
    बैठा रहा विरह द्वारे पर,मिलन खुशी के गीत गा गया !!
    बहुत बहुत सुंदर रचना सभी पंक्तियाँ लाजबाब सच में बसंत रंग छा गया प्रस्तुति में हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  40. इस सुंदर वासंती रचना
    ने तो दिग दिगंत बिखरा
    दिया वासंती राग-रंग
    इस सुंदर शब्द चित्र
    के लिए बधाई
    साभार

    जवाब देंहटाएं
  41. बसंत का आगमन नव योवनाओ में मादकता आ आगाज होती है

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  42. वाकई ये तो बसंत ही आ गया.
    तुमने गए गीत लो बसंत आ गया,
    दूर हुई मायूसी मधुमय मास आ गया.
    सादर
    नीरज'नीर'

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  43. प्रकृति पालकी पर चढकर,देखो ये मधुमास आ गया!
    विदा हुआ हेमंत आज पर, सबमें बसंती रंग छा गया!!
    @ प्रकृति के इस मनमोहक गान ने बिन मौसम हुई बरसात को निष्प्रभावी बना दिया।

    सोचता रहा दो-चार चरणों की अलग से प्रशंसा करूँ लेकिन नहीं .... सम्पूर्ण गायन मनहरण है।

    बौद्धिक तांडव करूँ तो अरसिकता हावी होकर दबे स्वर निकाल रही है "वसंत के आगमन पर हेमंत को नहीं शिशिर को विदा होना चाहिए।"

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