बुधवार, 9 जनवरी 2013

जन-जन का सहयोग चाहिए...

 

जन-जन का सहयोग चाहिए


राजनीति  हो चुकी बहुत, अब इसका हमें उपयोग चाहिये
बलात्कार मिटाने में अब, जन - जन का सहयोग चाहिये,

आज  देश  में बलात्कारी , जगह - जगह पर छिपे हुए है
  कब डालदे अस्मत पर डाका,जनबल का सहयोग चाहिए, 

आये दिन  लुट रही है इज्जत,अंतर आत्मा चीख रही है
 रखो निगाहें पैनी इन पर ,अब सब जन सहयोग चाहिए,

वोट बैंक पर देश न बेचो , अब तो कुछ अस्मत की सोचो
 बहुत सह लिया अब न सहेंगें ,जल्द सख्त क़ानून चाहिए,

पूँछ रही है देश की जनता,क्या शाशन को सहयोग चाहिए
 अब न दामिनी लुटने पाये , जन - जन का सहयोग चाहिए.


dheerendra singh bhadauriya

53 टिप्‍पणियां:

  1. Damini ki pida ko aap ne badi gambirta se lete huye jis jan sahyog ke liye aap ne apni awaz uthayee hai ham dil de aap ko awaz ko jan jan tk pahuchayege,behatareen prastuti Sir Ji****^^^^****राजनीति हो चुकी बहुत, अब इसका हमें उपयोग चाहिये
    बलात्कार मिटाने में अब, जन - जन का सहयोग चाहिये,..................................
    आये दिन लुट रही है इज्जत,अंतर आत्मा चीख रही है
    रखो निगाहें पैनी इन पर ,अब सब जन सहयोग चाहिए,

    वोट बैंक पर देश न बेचो , अब तो कुछ अस्मत की सोचो
    बहुत सह लिया अब न सहेंगें ,जल्द सख्त क़ानून चाहिए,

    पूँछ रही है देश की जनता,कैसा शाशन को सहयोग चाहिए
    अब न दामिनी लुटने पाये , जन - जन का सहयोग चाहिए.

    जवाब देंहटाएं
  2. वोट बैंक पर देश न बेचो , अब तो कुछ अस्मत की सोचो
    बहुत सह लिया अब न सहेंगें ,जल्द सख्त क़ानून चाहिए,
    sahi kaha hai ...

    जवाब देंहटाएं
  3. अब न दामिनी लुटने पाये , जन - जन का सहयोग चाहिए!
    वास्तव में बिना सहयोग के कुछ भी सम्भव नहीं !

    जवाब देंहटाएं
  4. वोट बैंक पर देश न बेचो , हर - जन का सहयोग चाहिए.......

    जवाब देंहटाएं
  5. आये दिन लुट रही है इज्जत,अंतर आत्मा चीख रही है
    रखो निगाहें पैनी इन पर ,अब सब जन सहयोग चाहिए, ...

    सच है की इस सहयोग के बिना बदलाव संभव नहीं ... अनुपम प्रस्तुति ...

    जवाब देंहटाएं
  6. धीरेन्द्र जी भारत की सामूहिक चेतना को स्वर दिया है आपने .शुक्रिया आपकी सद्य टिपण्णी का .

    जवाब देंहटाएं
  7. पूँछ रही है देश की जनता,कैसा शाशन को सहयोग चाहिए
    अब न दामिनी लुटने पाये , जन - जन का सहयोग चाहिए.

    वाह.बेह्तरीन अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  8. बलात्कार का सिलसिला आज तक भी ज़ारी है
    सच में अगर हम सब मिल कर एक सार्थक कदम आगे बढ़ाए तो बहुत हद तक हालात पे काबू पाया जा सकता

    जवाब देंहटाएं
  9. bahut sahi kahaa aapne.... aur meri post par aapki bebaag tippani achhi lagi...सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं...

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सही कहा आपने ....अब हमें दूसरों की राह देखना बंद करना होगा, कब आयेगा नया कानून इस इंतजार में हम क्यों बैठे हैं ?? क्यों हम दुसरो को दोष देते हैं हमेंशा ?? क्यों हम खुद कोई कदम नहीं उठाते?? हमें हमारे बीच बैठे इन दरिंदों को खुद ही निकाल बाहर करना होगा ....इनको समाज में इज्ज़त आज भी क्यों मिलती है ... मैं आज तक न समझ पाई ?? ये सबसे बड़ा और कड़वा सच है ....जो मैंने अपनी आँखों से देखा है और सजा हमेंशा उस मासूम और उसके परिवार वालों को मिलती है .....सबसे पहले हमें खुद को बदलना होगा तब हम किसी और के बदलने की आस लेके बैठें .....

    जवाब देंहटाएं
  11. सही कहा हम सब को मिलकर ही कुछ बदलाव लाना है......सुन्दर पोस्ट।

    जवाब देंहटाएं
  12. इस आक्रोश को दिशा मिले, अन्यथा गर्म होकर ठंडे दूध जैसे हो जायेंगे हम।

    जवाब देंहटाएं
  13. अब न दामिनी लुटने पाये जन,जन का सहयोग चाहिए!...सार्थक अभिव्यक्ति ...आभार


    जवाब देंहटाएं
  14. वोट बैंक पर देश न बेचो , अब तो कुछ अस्मत की सोचो
    बहुत सह लिया अब न सहेंगें ,जल्द सख्त क़ानून चाहिए,
    sahi kaha hai kash aesa hi ho
    rachana

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत सुन्दर बहुत बढ़िया संदर्भ को सामने लाया गया है
    बहुत बहुत बधाई

    जवाब देंहटाएं
  16. अब समय आ गया है की समाज और कानून में बदलाव करने की।इतनी सटीक और भावपूर्ण प्रस्तुती के लिए धन्यबाद।
    भूली-बिसरी यादें

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत सारगर्भित आह्वान करती हुई बेहतरीन प्रस्तुति सच में अब इस मुहिम में एक जुट होने की आवश्यकता है

    जवाब देंहटाएं
  18. आये दिन लुट रही है इज्जत,अंतर आत्मा चीख रही है
    रखो निगाहें पैनी इन पर ,अब सब जन सहयोग चाहिए,

    ................सही कहा आपने सहयोग बहुत जरूरी है बिना सहयोग के कुछ भी सम्भव नहीं !

    जवाब देंहटाएं
  19. राजनीति तो सब फसाद की जड है यह तो हमे ही करना पडेगा मुझे तो विश्‍वास नही होता की 2 भारतीया जाबांजो का सर पाक के सैनिक काट ले गय और का्ग्रेश इस पर कोई प्रतिकिया नही दे नही है वाह राजनिती वाह आप धन्‍य है

    जवाब देंहटाएं


  20. ✿♥❀♥❁•*¨✿❀❁•*¨✫♥
    ♥सादर वंदे मातरम् !♥
    ♥✫¨*•❁❀✿¨*•❁♥❀♥✿


    वोट बैंक पर देश न बेचो , अब तो कुछ अस्मत की सोचो
    बहुत सह लिया अब न सहेंगें ,जल्द सख्त क़ानून चाहिए

    पूछ रही है देश की जनता,क्या शासन को सहयोग चाहिए

    शासन को सहयोग नहीं , अब शासन में परिवर्तन की आवश्यकता है ।
    बलात्कारी तो संसद और विधानसभाओं में पहुंच चुके हैं ...
    किसने इन्हें टिकट दिया और किसने वोट ???
    # वक़्त रहते अच्छी तरह जान लेना ज़रूरी है कि किस-किस राजनीतिक दल ने अपराधियों - बलात्कारियों को सुरक्षा संरक्षण देकर सत्ता का हिस्सा बना रखा है !
    सत्ता से अपराधियों को दूर रख पाएंगे तो बलात्कारियों / अपराधियों को रोक पाने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी ...

    आदरणीय धीरेन्द्र सिंह भदौरिया जी
    जन-जागरण को प्रेरित करती रचना के लिए साधुवाद !


    हार्दिक मंगलकामनाएं …
    लोहड़ी एवं मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर !

    राजेन्द्र स्वर्णकार
    ✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿

    जवाब देंहटाएं
  21. सही में जनता को खुद जागना होगा ..
    सुन्दर व सार्थक रचना ...
    सादर !

    जवाब देंहटाएं
  22. सही विचार व्यक्त किये हैं.
    सार्थक रचना.

    जवाब देंहटाएं
  23. जन जन अगर प्रशाशन का सहयोग करने लग जाएँ ,तो इन जुर्मो पर काफी हद तक पाबन्दी लग जाएगी।

    जवाब देंहटाएं
  24. First of all I would like to say awesome blog! I
    had a quick question that I'd like to ask if you do not mind. I was interested to know how you center yourself and clear your mind prior to writing. I've had a difficult time clearing my thoughts
    in getting my ideas out there. I do take pleasure in writing however it just seems like the first 10 to 15 minutes are wasted simply just trying to figure out how to begin.
    Any suggestions or tips? Appreciate it!
    Here is my web blog ; gratis chat

    जवाब देंहटाएं
  25. सार्थक विचार पेश करती सुंदर कविता.

    लोहड़ी, मकर संक्रांति और माघ बिहू की शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  26. उसे सांत्वना नहीं सिर्फ़ इंसाफ़ चाहिए ....
    जो उसे कभी भी नहीं मिलने वाला :((

    जवाब देंहटाएं
  27. आदरणीय भदोरिया जी बहुत सुन्दर ...जन जन का सहयोग अच्छाइयों के लिए हो पार्टी और नेतागीरी से ऊपर उठ कर तो आनंद और आये...सार्थक विचार .... सुंदर कविता.

    भ्रमर ५

    जवाब देंहटाएं
  28. सटीक अभिव्यक्ति...लोहिड़ी व मकर संक्रांति पर्व की ढेरों शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  29. महा मकर संक्राति से, बाढ़े रविकर ताप ।
    सज्जन हित शुभकामना, दुर्जन रस्ता नाप ।

    दुर्जन रस्ता नाप, देश में अमन चमन हो ।
    गुरु चरणों में नमन, पाप का देवि ! दमन हो ।

    मंगल मंगल तेज, उबारे देश भ्रान्ति से ।
    गौरव रखे सहेज, महामकर संक्रांति से ।।

    जवाब देंहटाएं
  30. बहुत बढ़िया...
    सुन्दर और सार्थक रचना...
    आपको मकर संक्रांति की ढेरों शुभकामनाएं.
    सादर
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  31. जन जन का सहयोग चाहिए ... बहुत सही और सार्थक रचना।
    मकर संक्रांति की ढेरों शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  32. वाकई जन जन का सहयोग चाहिए ! बढ़िया प्रस्तुति ! मकर संक्राति की मंगलमय कामनाये !

    जवाब देंहटाएं
  33. आपको मकर संक्राति की ढेरों शुभकामनाएं। we must change our self in creative manner.A ray of hope.

    जवाब देंहटाएं
  34. जागरूकता फैलनी शुरू हो गई है। कवि की भी इसमें भूमिका है।

    जवाब देंहटाएं
  35. बहुत बढ़िया...
    सुन्दर और सार्थक रचना...

    जवाब देंहटाएं
  36. जन जन के सहयोग से सब संभव है....

    जवाब देंहटाएं
  37. पूँछ रही है देश की जनता,कैसा शाशन को सहयोग चाहिए
    अब न दामिनी लुटने पाये , जन - जन का सहयोग चाहिए.

    वाह.बेह्तरीन अभिव्यक्ति,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  38. I do agree with all of the ideas you've presented for your post. They are very convincing and can certainly work. Still, the posts are very quick for newbies. Could you please lengthen them a little from subsequent time? Thank you for the post.

    my blog :: purchased here

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणियाँ मेरे लिए अनमोल है...अगर आप टिप्पणी देगे,तो निश्चित रूप से आपके पोस्ट पर आकर जबाब दूगाँ,,,,आभार,