सोमवार, 28 मई 2012

ऐ हवा महक ले आ...


हवा महक ले आ...

हवा जा उनके जिस्म की महक ले ,
उसे छूकर दिल के पंछी की चहक ले !

कानों में जो शहद सी घोलती थी कभी,
उनके हाथों की चूडियों की खनक ले !

मेरी नजरें हो रही धुंधली साफ़ तस्वीर बना,
मेरी नजरों से उनके चेहरे की चमक ले !

दिल का शोला जख्मो की आग ठंडी है,
उनके गर्म आहों की तू दहक ले !

धीर की तडप को कर दे और ज्यादा"जानमेरी"
उसकी बेकरारी तड़प की वो कसक ले !


dheerendra,"dheer"

54 टिप्‍पणियां:

  1. बताइए साहब,लोगबाग परेशान हैं,और आप हैं कि इस भीषण मौसम में भी गर्म आहों की दहक चाहते हैं।

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  2. धीर की तडप को कर दे और ज्यादा"जानमेरी"
    उसकी बेकरारी तड़प की वो कसक ले आ!
    sundar abhivyakti !

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  3. कानों में जो शहद सी घोलती थी कभी,
    उनके हाथों की चूडियों की खनक ले आ!
    बहुत खूब सर।

    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

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  4. bahut khoob sir
    thanks
    http://drivingwithpen.blogspot.in/

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  5. दिल से कही ....दिल की बात ?
    शुभकामनाएँ!

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  6. कानों में जो शहद सी घोलती थी कभी,
    उनके हाथों की चूडियों की खनक ले आ!
    ...खूबसूरत अभिव्यक्ति

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  7. ऐ हवा जा उनके जिस्म की महक ले आ,
    उसे छूकर दिल के पंछी की चहक ले आ!

    कानों में जो शहद सी घो
    लती थी कभी,
    उनके हाथों की चूडियों की खनक ले आ!
    बहुत उम्दा प्रस्तुति है भाई साहब रोमांच से भरी हुई शब्द चित्र खड़ा करती वायवी महल का .

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  8. बहुत सुंदर ..................
    क्या मजाल हवा की, जो कहा न माने!!!!!
    :-)

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  9. बहुत ही बेहतरीन लिखा है आपने और बेहतरीन रचना.....आभार

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  10. ऐ हवा जा उनके जिस्म की महक ले आ,
    उसे छूकर दिल के पंछी की चहक ले आ!

    कानों में जो शहद सी घोलती थी कभी,
    उनके हाथों की चूडियों की खनक ले आ!
    प्रिय धीरेन्द्र जी बेहतरीन ...प्रेम-प्रणय ..कोमल भाव ...जा हवा जल्दी हमारे धीर की तड़प को अब ना बढ़ा ....जय श्री राधे - भ्रमर 5

    भ्रमर का दर्द और दर्पण

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  11. दिल से कही ....दिल की बात ....खूबसूरत अभिव्यक्ति....

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  12. बहुत भाव पूर्ण रचना और सुन्दर शब्द चयन |
    आशा

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  13. इतनी गहरी संवेदना लिए रचना आप कैसे रच लेते हैं, मै यही सोच कर हैरान हूँ।........ कुछ हमें भी सिखाइए धीरेन्द्र भाई !

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  14. वाह बहुत बढ़िया बेहतरीन भावपूर्ण अभिव्यक्ति

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  15. कानों में जो शहद सी घो
    लती थी कभी,
    उनके हाथों की चूडियों की खनक ले आ

    वाह धीरेंद्र भाई, बहुत खूब ।

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  16. कानों में जो शहद सी घोलती थी कभी,
    उनके हाथों की चूडियों की खनक ले आ..

    वाह बहुत बढ़िया, बेहतरीन!

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  17. धीर की तडप को कर दे और ज्यादा"जानमेरी"
    उसकी बेकरारी तड़प की वो कसक ले आ!

    बेहतरीन भावपूर्ण अभिव्यक्ति

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  18. सुन्दर प्रेम गीत ...
    कोमल भाव कों शब्द दिये हैं ...

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  19. दिल की बातें दिल ही जाने...
    बहुत ही प्यारी रचना

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  20. अपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं..

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  21. बहुत खूब...प्रेमरस से सराबोर प्यारी सी रचना के लिए बधाई !

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  22. बेकरारी के ये तड़प ...बड़ी ही प्यारी लगी

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  23. बड़ी मस्त बेकरारी है ... ये जल्द से जल्द पूरी हो जाएं।

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  24. कल 31/05/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  25. उनकी आँखों ने मेरा अक्श चुरा रख्खा है ,ए हवा जा उस अक्श को जा ले आ.बढ़िया प्रस्तुति है -


    ram ram bhai

    बुधवार, 30 मई 2012
    HIV-AIDS का इलाज़ नहीं शादी कर लो कमसिन से

    http://veerubhai1947.blogspot.in/

    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/

    कब खिलेंगे फूल कैसे जान लेते हैं पादप ?

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  26. मेरी नजरें हो रही धुंधली साफ़ तस्वीर बना,
    मेरी नजरों से उनके चेहरे की चमक ले आ....सुन्दर लिखा है,आपने.

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  27. बहुत सुदर । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।
    धन्यवाद ।

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  28. कानों में जो शहद सी घोलती थी कभी,
    उनके हाथों की चूडियों की खनक ले आ! वाह !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

    फीकी - फीकी सी लगने लगी जिंदगी
    उनके चेहरे से थोड़ा नमक ले आ .

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  29. very nice poemm , chudiyon ki khanak,, i know ,, chudiyan women ko bahut achi lagti hai..

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  30. वाह बहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट "बिहार की स्थापना के 100 वर्ष पर" आपके प्रतिक्रियाओं की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद ।

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  31. ए हवा महक ले आ ,
    गेसुओं के उनकी रेशमी ,छूअन ले आ ..
    नियमित हाजिरी के लिए शुक्रिया .

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  32. बड़ी नाइंसाफी है
    सब कुछ मंगा लिया आपने
    हवा का क्या होगा
    कुछ भी तो नहीं सोचा आपने ।

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  33. हवा में भरी ये महक बहुत खूब।

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  34. bahut badhiya ........par beete din kahan fir se aate hain ...

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  35. कानों में जो शहद सी घोलती थी कभी,
    उनके हाथों की चूडियों की खनक ले आ!
    बहुत खूबसूरत अहसास... लाजवाब रचना... आभार

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  36. बहुत ही सुन्दर लिखा है..
    गजब के भाव..
    बेहतरीन.....

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  37. कानों में जो शहद सी घोलती थी कभी,
    उनके हाथों की चूडियों की खनक ले आ!
    ...सुन्दर अहसास !

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  38. प्यार के सुंदर अहसासों से सजी खूबसूरत गज़ल के लिए बधाई!

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आपकी टिप्पणियाँ मेरे लिए अनमोल है...अगर आप टिप्पणी देगे,तो निश्चित रूप से आपके पोस्ट पर आकर जबाब दूगाँ,,,,आभार,